SEBI की जांच का दायरा बढ़ा
SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने Jane Street से जुड़ी संभावित ट्रेडिंग अनियमितताओं को लेकर अपनी जांच को और व्यापक बना दिया है। SEBI के एक सूत्र ने बताया कि “अब जांच केवल एक ही दिन या एक ही इंडेक्स तक सीमित नहीं है। हम अन्य एक्सपायरी दिनों और अलग-अलग इंडेक्स पर भी संभावित पैटर्न का अध्ययन कर रहे हैं।”

Jane Street: A Big Global Player
जेन स्ट्रीट एक वैश्विक उच्च आवृत्ति ट्रेडिंग (HFT) फर्म है जो दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में सक्रिय है। भारत में इसके ट्रेडिंग पैटर्न पर हाल ही में तब सवाल उठे जब एक खास एक्सपायरी के दिन भारी मुनाफा कमाया गया, जिससे बाजार की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे।
SEBI का फोकस अब व्यापक डेटा एनालिसिस पर
SEBI अब डेटा एनालिटिक्स की मदद से पूरे ऑप्शन मार्केट का विश्लेषण कर रही है। सूत्रों के अनुसार, “हम पिछले 6 से 12 महीनों के एक्सपायरी दिनों का डेटाहम इस पर फिर से विचार कर रहे हैं। खास तौर पर बैंक निफ्टी और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांकों को ध्यान में रखते हुए।”
Jane Street Regulatory Framework और Tight होगा
SEBI इस घटना को एक उदाहरण के रूप में देख रही है, और यह संकेत दिया गया है कि ऑप्शन ट्रेडिंग और इंडेक्स मैनिपुलेशन से जुड़े नियमों को और मजबूत किया जा सकता है। Market participants को अपनी ट्रेडिंग गतिविधियों के बारे में और अधिक पारदर्शिता लानी होगी।
Global Implications भी संभव
Experts मानते हैं कि अगर Jane Street जैसे ग्लोबल प्लेयर्स की भारत में ट्रेडिंग गतिविधियों में अनियमितता पाई जाती है, तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन सकता है। इससे अन्य देशों की रेगुलेटरी एजेंसियां भी अलर्ट हो सकती हैं।
निष्कर्ष / Conclusion
SEBI की यह जांच केवल Jane Street तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पूरे ऑप्शन मार्केट में संभावित मैनिपुलेटिव पैटर्न को समझना और रोकना है। आने वाले हफ्तों में और खुलासे सामने आ सकते हैं, जिससे भारत के फाइनेंशियल मार्केट्स में पारदर्शिता और रेगुलेशन दोनों को मजबूती मिलेगी।
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